tag:blogger.com,1999:blog-399574878518426944.post3265865613190344222..comments2023-11-05T02:15:34.803-08:00Comments on Hathai : स्मृति लेख - गजानन वर्मा का अवदाननंद भारद्वाजhttp://www.blogger.com/profile/10783315116275455775noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-399574878518426944.post-46769381994658694702012-05-27T01:45:46.559-07:002012-05-27T01:45:46.559-07:00कुछ लोग हमारे जीवन के लिए एक संजीवनी सी बन जाते है...कुछ लोग हमारे जीवन के लिए एक संजीवनी सी बन जाते हैं ! गजानन वर्मा जी के लिए लिखे इस लेख का हर शब्द इस बात का साक्षी है! <br /><br />"कवि-सम्मेलन की समाप्ति के बाद जब जोशीजी ने उनसे मेरा परिचय करवाया तो मैं संकोच में था कि इतना बड़ा कवि मुझे भला क्या जानता होगा"<br />यही भाव कल शाम मेरे मन में प्रस्फुटित हो रहे थे।<br /><br />"लेकिन मैं आश्चर्यचकित था कि वे उस पहली ही मुलाकात में मुझसे ऐसे मिले जैसे बरसों से जानते हों।" इन्हीं अहसासों से मैं भी गुज़री कल शाम को ! आपसे मिलकर बहुत खुशी हुई नंद सर !<br /><br />आपको अधिक पढ़ने-सुनने का सौभाग्य नहीं मिला किंतु जब भी आपका लिखा पढ़ा या सुना उसमें रची-बसी ईमानदारी, सहजता, शालीनता और सौम्यता बरबस मन को आकर्षित करती है।sushilahttps://www.blogger.com/profile/05803418860654276532noreply@blogger.com